हर दिन 25 रुपये के निवेश से रिटायरमेंट तक बन जाएंगे करोड़पति , जानिए कहां करें निवेश
25 साल की उम्र शुरू करना होगा निवेश। निवेश को लगातार जारी करने पर करोड़ों से भी उम्र पहुंच जाएगा अमाउंट
अगर आपकी उम्र 25 साल है और आप ने अभी नौकरी या बिजनेस शुरू किया है तो यह खबर आप के लिए है। इसकी वजह यही वह उम्र है, जब हम अपने दम पर करोड़पति बनना चाहते हैं। इसके लिए आपको अपनी कमाई के साथ ही (Savings) बचत पर ध्यान देना होगा। जी हां इसकी वजह ये है कि आप कम बचत में भी (Retire) रिटायर होने तक की उम्र में करोड़पति बन जाएंगे। इसके लिए सिर्फ आपको लगातार और सही जगह पर निवेश करने की जरूरत है। तो आपको बता दें कि आप हर दिन 25 रुपये का निवेश कर भी करोड़पति बन सकते हैं। इसके लिए आप को सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानि (SIP) एसआईपी में निवेश करने एक बेहतर विकल्प है। इससे एक तरफ जहां आप में (Invest) निवेश का अनुशासन कायम होता है वहीं लंबी अवधि में आपको बड़ी संपत्ति जुटाने में मदद मिलती है।
हर जानिए कहां करें निवेश दिन 25 रुपये का निवेश बना देगा करोड़पति
अगर आप की उम्र 25 साल है और आप हर दिन सिर्फ 25 रुपये निवेश करने का विकल्प चुनते हैं। तो (Retirement Age) रिटायरमेंट की उम्र तक आप करीब 20 लाख रुपये का निवेश खडा कर लेंगे। वहीं रिटायर होते वक्त आपको मिलने वाली रकम 20 लाख रुपये से बढ़कर 1.3 करोड़ रुपये तक हो सकती है। वहीं अगर आप किसी (Equity Mutual Fund) इक्विटी म्यूचुअल फंड में अपना निवेश दोगुना कर रोज सिर्फ 50 रुपये का निवेश करें तो इससे आपको 35 साल बाद 2.2 करोड़ रुपये मिलेंगे।
निवेश में इजाफा करने पर बढ सकती है और भी रकम
वहीं एसआईपी के जरिये (Equity Mutual Fund) इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में बेहतरीन नतीजे मिलते हैं। यह बात पिछले कई सालों के आंकडों से सिद्ध हो गई है। गुरुग्राम के फाइनेंशियल प्लानर की मानें तो एसआईपी की रकम में मामूली इजाफा करते हैं तो आपको प्लान के अंत में मिलने वाली राशि कई गुना बढ़ सकती है। इस फायदे को कंपाउंडिंग का असर कहते हैं जी हां अगर आप किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड में आप हर दिन 40 रुपये का निवेश करेंगे। तो इससे आपको 35 साल बाद 1.8 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिल सकती है।
एक लाख रुपए के निवेश पर मिला 33 लाख रिटर्न जानिए कहां से मिला निवेशकों को इतना मुनाफा
एक ऐसी खबर जिसे सुन आप भी कहेंगे कि काश हम भी जेएफ कमर्शियल व्हीकल के शेयर में एक लाख रुपए निवेश किए होते तो उस एक लाख की वैल्यू आज लगभग 33 लाख हो गई होती.
जेएफ कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम इंडिया लिमिटेड के शेयर बीएसई में पिछले एक साल में अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं. बता दें जेएफ कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम इंडिया लिमिटेड कंपनी कमर्शियल गाड़ियों के लिए एयर ब्रेक बनाती है. जेफ कमर्शियल के दिन के कारोबार में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जानिए कहां करें निवेश है. दिन का कारोबार खत्म होते वक्त जेएफ कमर्शियल व्हीकल के शेयर 0.31 से बढ़कर 10,066.85 रूपये पर बंद हुआ.
जेएफ कमर्शियल व्हीकल (ZF commercial vehicles) एक मल्टीबैगर शेयर ( Multibagger stock ) है जिसने 2008 में बीएसई पर लिस्ट होने के बाद से अपने निवेशकों की प्रॉपर्टी को 33 गुना बढ़ा चुका है. इस कंपनी के शेयरों में पहली बार 2008 में बीएसई पर कारोबार शुरू हुआ था. तब इस कंपनी के शेयर्स की कीमत सिर्फ 305.35 रूपये थी जो अब बढ़कर 10,066.85 रूपये हो गया है. जो अपने आप में बहुत बड़ा मुनाफा है. कंपनी ने बीते 14 सालों में अपने निवेशकों को 3,196.82 फीसदी का बहुत बढ़िया रिटर्न दिया है.
जानकारी के लिए आप को बता दें अगर कोई भी 2008 में जेएफ कमर्शियल व्हीकल के शेयर में एक लाख रूपए इन्वेस्ट किया होता तो आज उसकी कीमत बढ़कर 33 लाख रूपये होती. जेएफ किमर्शियल व्हीकल शेयर्स की ताजा अपडेट की बात करें तो इसमें पिछले महीने एक महीने में 7.87 फीसदी उछाल आया है. और इसने पिछले पांच सालों में अपने निवेशकों की संपत्ति में करीब 64.80 फीसदी तक इजाफा किया है.
क्या होता है मल्टीबैगर स्टॉक
मल्टीबैगर वे स्टॉक होते हैं जो अपनी कीमत से 100 गुना या उससे अधिक रिटर्न देते हैं. टाइम पीरियड कितने का भी हो सकता है एक साल पांच साल लेकिन ये स्टॉक आपको 100 का 200 रिटर्न करते हैं उसे मल्टीबैगर स्टॉक कहते हैं. मल्टीबैगर स्टॉक को ढूंढना इतना आसान नहीं है. इसके लिए काफी एनालिसिस करने पड़ते हैं. जैसे आने वाले समय में कौन से सेक्टर की ज्यादा डिमांड होने वाली है. उदाहरण के लिए आने वाले समय में इलेक्ट्रिक कार की डिमांड बढ़ने वाली है तो आप को सोचना है कि एक इलेक्ट्रिक कार में किस चीज की ज्यादा जरूरत पड़ती है वो है बैट्री तो बैट्री की डिमांड बढ़ने वाली है, आप बैट्री बनाने वाली कंपनी के शेयर खरीद कर भविष्य में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. मार्केट में कौन कौन सी कंपनियां मल्टीबैगर स्टॉक है इन सारी बातों को सर्च करना काफी मुश्किल काम होता है.
PPF या Sukanya Samriddhi Yojana, कहां निवेश पर मिलेगा सबसे ज्यादा रिटर्न? चेक करें डिटेल
PPF Vs Sukanya Samriddhi Yojana: अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। दरअसल , सुकन्या समृद्धि योजना ( SSY) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF) दोनों ही लोकप्रिय स्कीम है , जिसमें जोखिम नहीं के बराबर है। केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना बेहद लोकप्रिय स्कीम है , जो बेटियों के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखकर चलाई जा रही है। वहीं , पब्लिक प्रोविडेंट फंड के मौजूदा नियम के अनुसार आप अपने नाबालिग के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। तो आइए जानते हैं सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ में सबसे ज्यादा फायदेमंद स्कीम कौन सी है ?
सुकन्या समृद्धि योजना या पीपीएफ
विशेषज्ञों के अनुसार हमें अपना सारा पैसा सुकन्या समृद्धि योजना में नहीं लगाना चाहिए। पब्लिक प्रोविडेंट फंड में भी कुछ पैसा इंवेस्ट करना चाहिए। सुकन्या समृद्धि योजना पर हमें 7.6 फीसद का ब्याज मिलता है। वहीं , पीपीएफ पर सिर्फ 7.1 फीसद की ब्याज दर है। ब्याज दर हर चार महीने पर रिवाइज्ड होता है। जब पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में किसी एक को चुनना होता हो तो निवेशक को सुकन्या समृद्धि योजना को चुनना चाहिए , क्योंकि इस पर पीएफ की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है। अगर आप पीपीएफ में 15 साल तक इंवेस्टमेंट करते हैं तो वह आपको बेहतर विकल्प देगा , लेकिन इसलिए अपनी कमाई का एक हिस्सा पीपीएफ में भी निवेश जरूर करना चाहिए।
PPF में निवेश
पीपीएफ निवेश करने से आपको सरकारी गारंटी मिलती है। इसमें आपको टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 सी के तहत आप 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट ले सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट की मेच्योरिटी 15 साल की होती है , लेकिन उसे 5-5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। इस खाते में मिनिमम और मैक्सिमम जमा करने की लिमिट 500 रुपये और 1.50 लाख है , लेकिन ध्यान रखें कि अगर अभिभावक के नाम से भी पीपीएफ अकाउंट खुला है तो दोनों अकाउंट मिलाकर ही अधिकतम रकम की लिमिट मानी जाएगी। ऐसा नहीं है कि दोनों अकाउंट में 1.5 लाख सालाना जमा हो सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश
इसमें सालाना न्यूनतम 250 रुपये जमा किया जा सकता है। योजना के तहत सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना में अक्सर ब्याज की दर ज्यादा होती है। इसका कारण है कि यह स्कीम कविता जैसे माता-पिता को बेटी के भविष्य के लिए पैसा जुटाने को प्रोत्साहित करने के लिए है। हालांकि , डिपॉजिट बेटी के 15 साल का होने तक किया जानिए कहां करें निवेश जा सकता है। वहीं 16 वें साल से 21 वें साल के बीच किसी डिपॉजिट की अनुमति नहीं है। हालांकि , अकाउंट पर ब्याज 21 साल तक मिलना जारी रहता है। लिहाजा , पैसे को लॉक होने के बावजूद 15 साल से आगे निवेश पर बंदिश है।
कहां खोल सकते हैं अकाउंट
दोनों ही योजनाएं डाकघर द्वारा चलाई जा रही है। इसके अलावा जिन बैंकों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट ओपन करने की सुविधा मिलती है , उनमें सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट खोलने की सुविधा भी है।
जानिए अपने रिटायरमैंट का पैसा आखिर कहां करें निवेश
रिटायरमैंट से प्राप्त पैसे को निवेश करने की सोच रहे हैं तो आइए, आप को ऐसे विकल्पों के बारे में बताते हैं जिन में जोखिम कम और प्रतिलाभ ज्यादा मिलने की संभावना है.
अगर आप हालफिलहाल रिटायर हुए हैं और रिटायरमैंट के वक्त प्राप्त राशि को कहीं जमा करने की सोच रहे हैं तो आप को सब से आसान विकल्प बैंक फिक्स्ड डिपौजिट लगता होगा. लेकिन ब्याज दरों में जिस तरह गिरावट आई है, उस से आप को न तो बढि़या नियमित आय प्राप्त होगी और न ही धन की वृद्धि होगी. इसलिए जानिए कहां करें निवेश उचित है कि आप अलगअलग विकल्पों का पता लगाएं और एक विविधिकृत रिटायरमैंट आय पोर्टफोलियो तैयार करें जिन पर रिटर्न भी बढि़या मिलता है.
कहां निवेश करें, इस के विकल्पों की चर्चा करने से पहले यह जानना जरूरी है कि कहां निवेश नहीं करें.
जब ब्याज दर लगातार कम हो रही हो तो ऐसी स्थिति में अनेक लोगों को नियमों का कम पालन करने वाले और ज्यादा ब्याज दर का दावा करने वाले उत्पादों का लोभ हो सकता है. स्वर्ण जमा योजनाएं, चिटफंड योजनाएं और इस तरह की अनेक नईनई योजनाएं इस दायरे में आती हैं. इन में से कुछ तो अंत में धोखाधड़ी वाली पोंजी योजनाएं साबित हुई हैं और अनेक दूसरी योजनाओं की नियति भी वैसी ही हो सकती है.
अर्थशास्त्री रौबर्ट शिलर ने अपने शोधपत्र में पोंजी योजना की परिभाषा दी थी और आज मीडिया में उस की अकसर चर्चा होती है- ‘‘इस (पोंजी स्कीम) योजना में शामिल होने वाले नए सदस्यों से मिलने वाली रकम से पुराने निवेशकों को भुगतान कर के नए निवेशकों को ऊंची दर पर लाभ देने का भ्रम पैदा किया जाता है. योजना में नए निवेशकों की प्रतिक्रिया कमजोर होती है, लेकिन जैसा कि बाद के दौर में ऊंचे प्रतिलाभ से जोश बढ़ता है, योजना में लोगों का विश्वास और निवेशकों की उत्कंठा बढ़ती जाती है. अंत में जब नए निवेशक योजना में शामिल होने से कतराने लगते हैं, तब यह औंधेमुंह गिर जाती है.’’
Monthly Salary Saving Tips: 50 हजार रुपये है सैलरी, हर महीने आपको कितना बचाना चाहिए? ये है गणित
अगर आपकी सैलरी हर महीने 50 हजार रुपये के आसपास है तो हम आपको सटीक गणित के जरिये बताते हैं कि कितना बचत करना चाहिए. और उसे कहां निवेश करें, ताकि भविष्य में वो बड़ा फंड बन सके, और मुसीबत में काम आए. वैसे सैलरी अगर 20 हजार रुपये भी है तो आप इस फॉर्मूल से बच कर सकते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 18 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 18 नवंबर 2022, 8:08 PM IST)
कमाते हैं लाखों हर महीने, सोचते हैं बचाने की, पर बच नहीं पाता, अधिकतर नौकरी-पेशा लोगों का यही रोना है. फिर खुद को दिलासा दिलाने के लिए कहते हैं, जब सैलरी (Salary) थोड़ी बढ़ जाएगी, तब कुछ पैसा बचेगा. उसे कहीं लगाएंगे ताकि भविष्य में काम आए. क्या आप भी पैसे नहीं बचा पाते हैं, और आपका भी यही तर्क है?
यकीन मानिए, जो लोग ये रटते हैं कि सैलरी बढ़ने के बाद कुछ पैसे बचाएंगे, वो कभी नहीं बचा पाएंगे. क्योंकि बचत के लिए सैलरी बढ़ोतरी (Salary Increase) का इंतजार कभी खत्म नहीं होता है. अगर आप चाहें तो जितनी सैलरी है उसी में से बचत कर सकते हैं. इसके लिए इच्छाशक्ति और बेहतर प्लान की जरूरत है. आज हम आपको बचत कैसे और कितना करें, इस बारे में कुछ टिप्स देंगे.
20 हजार रुपये वाले भी कर सकते हैं बचत
अगर आपकी सैलरी 20000 रुपये महीने भी है, तो आप इसमें से बढ़िया बचत कर सकते हैं. फॉर्मूला ये है कि सबसे पहले सैलरी आते ही सेविंग (Saving) के लिए निर्धारित राशि को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दें, अगर दूसरा अकाउंट नहीं है तो फिर तय कर लें कि बचत के लिए जो राशि निर्धारित है, उसे हरगिज हाथ नहीं लगाएंगे. अगर आप बचत को लेकर गंभीर नहीं हैं, तो शुरुआत में केवल अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा बचाएं. यानी शुरुआती 6 महीने तक 2000 रुपये महीने बचाएं.
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आज के दौर में लोगों को 50,000 रुपये महीने सैलरी मिल जाती है. अगर आपकी भी सैलरी 50 हजार रुपये के आसपास है तो हम आपको सटीक गणित के जरिये बताते हैं कि आपको हर माह कितना बचत करना चाहिए. और उसे कहां निवेश करें, ताकि भविष्य में वो बड़ा फंड बन सके, और मुसीबत में काम आए.
अगर आप शादी-शुदा हैं, और दो बच्चे हैं. तो भी आप 50000 रुपये की सैलरी में से बचत कर सकते हैं. सामान्य तौर पर नौकरी-पेशा लोगों को खासकर प्राइवेट जॉब करने वालों को, हर महीने अपनी सैलरी में से करीब 30 फीसदी राशि बचानी चाहिए. यानी नियम कहता है कि 15 हजार रुपये हर महीने बचना चाहिए. अगर आपकी सैलरी 50 हजार है और आप हर महीने उसमें 15 हजार रुपये नहीं बचा रहे हैं तो फिर निवेश के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे, आपको तुरंत सोचने की जरूरत है.
शुरुआती कदम 10 फीसदी बचत से उठाएं
अगर आप बचत की शुरुआत कर रहे हैं तो 10 फीसदी से आगाज करें, लेकिन हर 6 महीने में उसे बढ़ाते रहें, जब तक 30 फीसदी की बचत तक नहीं पहुंच जाएं. शुरुआत में आपको काफी दिक्कतें होंगी, खर्चे पूरे नहीं होंगे, क्योंकि पहले से पूरी सैलरी खर्च करने की आदत जो पड़ चुकी है. लेकिन 6 महीने में आप अपनी आदत को बदल सकते हैं. सबसे पहले खर्चों की लिस्ट बनाएं. उसमें जो जरूरी है, उसे पहले जगह दें, उसके बाद उन खर्चों पर विचार करें, जिनपर कैंची चला सकते हैं. यानी कटौती कर सकते हैं.
अगर महीने में 4 बार बाहर खाने की आदत है, तो उसे महीने में 2 बार कर दें. इसके अलावा फालतू खर्चों की एक लिस्ट बनाएं, जिसे आप हर महीने बेवजह खर्च करते हैं, यकीन मानिए हर आदमी अपनी सैलरी का करीब 10 फीसदी हिस्सा फिजूल में खर्च कर देता है.
इसके अलावा ऑनलाइन (Online) के इस दौर में अगर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) रखते हैं, उसके इस्तेमाल पर लगाम लगाएं. अगर बहुत सारा क्रेडिट कार्ड बनवा रखें हैं तो कुछ को तुरंत बंद करवा दें. इसके अलावा ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) से बचें. जब भी बाहर खरीदारी के लिए जाएं तो घर से लिस्ट बनाकर जरूर निकलें. एक बात और याद रखें, सैलरी मिलते ही उन चीजों को ऑफर के चक्कर में या बेवजह न खरीद जो आपके इस्तेमाल के न हो. इस तरह करके आप आसानी से हर महीने अपनी सैलरी का 30 फीसदी राशि बचा सकते हैं.
सही जगह पर बचत राशि को निवेश की जरूरत
इस तरह से 50 हजार रुपये तनख्वाह वाले लोग सालाना 1.80 लाख रुपये बचा सकते हैं. आप जब हर महीने 15 हजार रुपये बचाएं, तो उसमें से 5 हजार रुपये इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) के तौर पर रखें. 5 रुपये हर महीने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में SIP कर सकते हैं. इसके अलावा बाकी बचे 5 हजार रुपये रेकरिंग डिपॉजिट या फिर गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) में लगा सकते हैं. जब-जब आपकी सैलरी बढ़े तो फिर निवेश की राशि को भी उसी हिसाब से बढ़ाते रहें. अगर आप इस फॉर्मूले से 10 साल तक बचत और निवेश (Investment) करते रहें तो फिर आपको भविष्य में आर्थिक संकट से जूझना नहीं पड़ेगा. मुसीबत में भी यह फंड बड़ा सहारा होगा.
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