10 जनवरी के बाद दिखी है थोड़ी रिकवरी
CoinMarketCap पर उपलब्ध डेटा के अनुसार 10 जनवरी, 2022 के बाद से अब तक Bitcoin, Etherum और Binance सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में थोड़ी ही सही लेकिन तेजी देखने को मिल रही है.
JNU Times
आप इस पोस्ट को पढ़ रहे है इसका अर्थ है आप Cryptocurrency के बारे में जानते है आजकल शायद ही कोई होगा जिसने Bitcoin का नाम ना सुना हो लेकिन आपके मन में ये सवाल आया होगा की आखिर इस Cryptocurrency को खरीदे कैसे और बेचे कैसे इसका सीधा सा जवाब है exchanges जहां से आप इनको खरीद बेच सकते है। अब हम आपको बताएंगे भारत के Top Cryptocurrency Exchanges In India वो भी हिंदी में।
- जब cryptocurrency exchange की बात आती है तो पहले नंबर पर रहता है भारत का CoinDCX का नाम सबसे पहले आता है।
- CoinDCX का मुख्यालय भारत के मुंबई में है और इसको 2018 में लॉन्च किया गया।
- क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज के रूप में इनके एक आंकड़े के मुताबिक इस 7.5 मिलियन लोगो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
- आप इसमें कम से कम ₹100 से ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
- इससे आप Bitcoin, dogecoin, ethereum जैसी 200 cryptocurrency में निवेश कर क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है सकते है।
Zebpay
- Zebpay की स्थापना 2014 में हुई और तब से लेकर आज तक इसमें 5 क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता जुड़ गए है।
- Zebpay की सबसे बड़ी खासियत की ये 162 देशों में उपलब्ध में है।
- Zebpay वेब, आईओएस और एंड्रॉइड पर उपलब्ध है।
- WazirX भी आपको Bitcoin, Ethereum, Ripple, Litecoin आदि cryptocurrency में लेनदेन की सुविधा देता है।
- इसकी अपनी खुद की Cryptocurrency token का नाम WRX है।
- WazirX वेब, एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल, विंडोज और मैक ऐप आदि पर उपलब्ध है।
CoinSwitch Kuber
- CoinSwitch Kuber से भी आप ₹100 से Bitcoin में ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
- वर्तमान में भारत में इसके सबसे ज्यादा उपयोगकर्ता है और इनकी संख्या 11 मिलियन है।
- इसमें आप 80+ cryptocurrency में इन्वेस्ट कर सकते है।
- binance भी फिलहाल भारत में काफी ज्यादा चर्चा में है।
- इनका न्यूज ब्लॉग आपको खबरों तक पहुंचा सकता है।
Note:- आज हमने भारत के सबसे अच्छे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के बारे में जाना cryptocurrency के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे Jodhpurnationaluniversity.com से।
cryptocurrency बहुत risky है, कृपया अपने रिस्क और अपने सामर्थ्य से काम लें और किसी के बहकावे में न आए और किसी भी तरह के नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं है।
लेखक
Cryptocurrency में भारी गिरावट, जानिए यह पैसा बनाने का मौका या खतरे की घंटी
- नई दिल्ली,
- 15 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 15 जनवरी 2022, 6:30 PM IST)
- Bitcoin नवंबर में था 68,000 डॉलर के पार
- 40,000 डॉलर से नीचे आया बिटकॉइन
पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में काफी अधिक गिरावट का सेंटिमेंट देखने को मिला है. इस वजह से इंवेस्टर्स इस बात को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इंवेस्ट करना चाहिए या नहीं. क्रिप्टो मार्केट नए साल की शुरुआत से ही लगातार गिर रहा है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है
अपने चारों ओर देखते हुए, हम देखते हैं कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं धराशायी हो रही हैं। यूक्रेन में युद्ध के कारण कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि हुई है। महंगाई दर आसमान छू रही है। शेयर बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। बिटकॉइन, सबसे पुरानी क्रिप्टो संपत्ति, आश्चर्य की बात नहीं है, अठारह महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। अपने निवेशों पर एक नज़र डालते समय, चाहे क्रिप्टो में या अन्यथा, डाउनबीट और उदास महसूस करना मुश्किल नहीं है। एक सामान्य निवेशक, जिसने अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश किया है, को इन अनिश्चित और परेशानी भरे समय में कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए? यह पता चला है कि यह पहली बार नहीं है जब विश्व अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और यह आखिरी बार भी नहीं होगी। रिकवरी और मंदी दूर के चचेरे भाई हैं और जो बच जाते हैं वे अपने बारे में अपना सिर रखते हैं जब उनके आसपास के अन्य लोग अपना सिर खो रहे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अभी, क्रिप्टो बाजार एक मंदी के दौर से गुजर रहा है। बिटकॉइन अपने 2021 के शिखर से 75% नीचे हो सकता है, लेकिन यह अभी भी पांच साल पहले की तुलना में 10 गुना अधिक है। स्टॉक की कीमतें उनके मूल सिद्धांतों द्वारा संचालित होती हैं, इसी तरह, सभी सिक्कों का भी कुछ आंतरिक मूल्य होता है, जो उनके उपयोग के मामलों के आधार पर होता है। ऐसे मुश्किल समय के दौरान सामान्य प्रवृत्ति यह है कि जो लोग लंबे समय तक निवेशित रहते हैं, वे क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है आमतौर पर उचित रिटर्न देते हैं। अल्पकालिक उतार-चढ़ाव कोई मायने नहीं रखते। लेकिन अगर मुख्य संपत्ति, इस मामले में, संपूर्ण क्रिप्टोस्फीयर धड़कता है, तो कौन से विकल्प अभी भी निवेश करने पर विचार कर सकते हैं? निवेशकों के लिए इसका क्या अर्थ है? आपका अगला कदम क्या होना चाहिए? News18 और ZebPay आपके लिए शुक्रवार, 29 जुलाई 2022 को शाम 6:00 बजे 'क्रिप्टो की समाज' - एक निवेशक शिक्षा वेबिनार श्रृंखला का 5 वां संस्करण लेकर आए हैं, जो इस विकल्प के निरंतर विकसित पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने वाले प्रमुख तथ्यों पर असाधारण अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। एसेट क्लास - क्रिप्टो। वेबिनार श्रृंखला जिसका उद्देश्य निवेश के विकास, लाभों को मापने, वैश्विक बाजार की स्थितियों और क्रिप्टो उद्योग में नवीनतम रुझानों पर चर्चा के लिए एक मंच बनना है जो दर्शकों / प्रतिनिधियों को इस स्मार्ट और सुरक्षित वैकल्पिक निवेश अवसर का पता लगाने में मदद करेगा।
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
cryptocurrency का मतलब क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।
किसने बनाई cryptocurrency?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।
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