Indian Oil ने 1:2 के रेश्यो में बोनस शेयर को दी मंजूरी, 3.60 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का भी ऐलान

बोर्ड ने बोनस शेयर प्राप्त करने के उद्देश्य से शेयरहोल्डर्स की इलिजिबिलिटी तय करने के लिए 1 जुलाई रिकॉर्ड डेट निश्चित की है

इंडियन ऑयल के बोर्ड ने 10 रुपये फेस वैल्यू (प्री बोनस) वाले प्रति इक्विटी शेयर के लिए 3.60 रुपये के डिविडेंड की भी सिफारिश की है

Indian Oil bonus shares : इंडियन ऑयल के बोर्ड ने 1:2 के रेश्यो में बोनस शेयर जारी करने की सिफारिश की है। इसका मतलब है कि इनवेस्टर्स को हर दो मौजूदा शेयरों के लिए एक नया शेयर जारी किया जाएगा। मंगलवार को इंडियन ऑयल (Indian Oil) का शेयर 1.80 फीसदी मजबूत होकर 124.30 रुपये पर बंद हुआ।

1 जुलाई रिकॉर्ड डेट तय की

इस इश्यू के लिए अभी पोस्टल बैलेट के जरिये शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेनी होगी। बोर्ड ने बोनस शेयर प्राप्त करने के उद्देश्य से शेयरहोल्डर्स की इलिजिबिलिटी तय करने के लिए 1 जुलाई रिकॉर्ड डेट निश्चित की है।

Indian Oil Corporation Ltd (IOC)

डिविडेंड यील्ड से पता चलता है कि एक कंपनी अपने शेयरधारकों को प्रति डॉलर इन्वेस्ट किए गए डिविडेंड्स में कितना भुगतान करती है। यह दर्शाता है कि एक इन्वेस्टर स्टॉक में किसी भी कैपिटल गेन से कितना कमाएगा।

IOC समीक्षा

इंडियन ऑयल शेयर (IOC शेयर) (ISIN: INE242A01010) के बारे में। आप इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक में जा कर ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, तकनीकी विश्लेषण तथा अन्य के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन समाचार

नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है उच्च सूत्रों ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार प्राकृतिक गैस की कीमतों पर किरीट पारिख समिति द्वारा दी गई सिफारिशों पर हितधारकों की टिप्पणियां मांग.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- Bajaj Finance (NS:BJFN): NBFC जायंट अपने तकनीकी रोडमैप को मजबूत करने के लिए प्राथमिक और द्वितीयक लेन-देन के माध्यम से Snapwork Technologies.

अहमदाबाद, 9 नवंबर (आईएएनएस)। अदानी (NS:APSE) पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड), भारत की सबसे बड़ी परिवहन उपयोगिता, ने इंडियन ऑयलटैंकिंग लिमिटेड (आईओटीएल) में.

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन विश्लेषण

उच्च लाभांश भुगतान वाली कंपनियों में निवेश निष्क्रिय आय का स्रोत बनाने के सर्वोत्तम और आसान तरीकों में से एक है। हालांकि, केवल उच्च लाभांश उपज के लिए जाना शेयरों को हाथ लगाने का.

एक क्षेत्र जो सत्र के उद्घाटन के बाद से गुलजार रहा है, वह तेल विपणन स्थान है। ये तेल विपणन कंपनियां एक बार में कुछ लाभ दे रही हैं क्योंकि यह क्षेत्र आम तौर पर निवेशकों के रडार पर.

उच्च लाभांश-भुगतान शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है वाले शेयरों का सबसे बड़ा लाभ शेयर की कीमत में गिरावट के कारण होने वाले काल्पनिक नुकसान पर एक कुशन है क्योंकि इसका एक छोटा हिस्सा लाभांश के रूप में वास्तविक नकदी.

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन कंपनी प्रोफाइल

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन कंपनी प्रोफाइल

  • प्रकार : इक्विटी
  • बाज़ार : भारत
  • आईसआईन : INE242A01010
  • एस/न : IOC

Indian Oil Corporation Limited, together with its subsidiaries, engages in the refining, pipeline transportation, and marketing of petroleum products in India. It is also involved in the exploration and production of crude oil and gas, and petrochemicals; and marketing of natural gas. The company’s products include petrol/gasoline, diesel/gas oil, lubricants and greases, auto gas, cooking gas, kerosene, LPG, bulk/industrial fuels, aviation fuel, marine oils, and bitumen. In addition, the company offers special products, such as carbon black feedstock, raw petroleum coke, sulphur, paraffin wax, raw petroleum coke, jute batching oil, micro crystalline wax, mineral turpentine oil, toluene, propylene, benzene, and petcoke. Further, it engages in the explosives and cryogenic; wind and solar power generation; lube blending; bunkering; refining and pipeline consultancy; and lubricants and base oil marketing activities. The company operates through a network of approximately 9 refineries; approximately 15,000 kilometers of pipelines; approximately 34,559 fuel stations, including 11,026 Kisan Seva Kendra outlets; 120 terminals and depots; 101 LPG bottling plants/terminals; 126 aviation fuel stations; 6,993 consumer pumps; 12,813 LPG distributors; 1,488 CNG stations; 10 lube blending plants; and 2,179 EV charging stations, including 34 battery swapping stations. Its exploration and production portfolio comprises 9 exploration and production blocks in India. The company was founded in 1958 and is based in New Delhi, India.

आय विवरण

विश्लेषक मूल्य लक्ष्य

औसत87.23 ( +12.12 % ऊपर )
उच्च150.00
निम्न58.00
क़ीमत77.80
विश्लेषकों की संख्या30

तकनीकी सारांश

ट्रेंडिंग शेयर

ट्रेंडिंग शेयर

IOC टिप्पणियाँ

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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तत्काल या रद्द आदेश (आईओसी)

शब्द "तत्काल या रद्द आदेश" या आईओसी अर्थ आमतौर पर स्टॉक निवेश और वित्तीय उद्योग के लिए उपयोग किया जाता है। इसे एक आदेश के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसे आप उस शेयर को खरीदने या बेचने के लिए प्राप्त करते हैं जिसे जल्द से जल्द निष्पादित करने की आवश्यकता होती है। आप पूर्ण या आंशिक आदेश खरीद सकते हैं, अर्थात, यदि व्यापारियों के लिए पूर्ण आदेश अनुपलब्ध है।

IOC

हालांकि, अगर आप ऑर्डर का कोई भी हिस्सा तुरंत नहीं खरीदते हैं, तो वह अपने आप रद्द हो जाएगा। बहुत से लोग सभी या बिना किसी आदेश के तत्काल या रद्द आदेश को भ्रमित करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उत्तरार्द्ध उन शेयरों को संदर्भित करता है जिन्हें पूर्ण रूप से खरीदने की आवश्यकता होती है।

IOC का मुख्य लाभ यह है कि यह निवेशकों को ऑर्डर की त्वरित खरीदारी करने की अनुमति देता है। वास्तव में, यह प्रतिभूतियों को प्राप्त करने के सबसे आसान तरीकों में से एक होता है, तब भी जब आप ऑर्डर के पूरे हिस्से को खरीदने में असमर्थ होते हैं।

तत्काल या रद्द आदेश का अवलोकन

इस पद्धति का उपयोग मुख्य रूप से बड़े निवेशकों द्वारा किया जाता है जो बड़ी मात्रा में प्रतिभूतियों शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है के लिए ऑर्डर देने की योजना बनाते हैं। दूसरे शब्दों में, IOC ब्रोकरेज फर्म या किसी द्वारा दिया गया स्टॉक ऑर्डर हैइन्वेस्टर जो ऑर्डर के एक विशिष्ट शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है हिस्से को खरीदने की योजना बना रहा है। जिस ऑर्डर को कंपनी पूरा नहीं कर सकती उसे तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, एक फिल या किल ऑर्डर तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। यदि कंपनी ऑर्डर के पूरे या कुछ हिस्से को पूरा नहीं कर सकती है, तो पूरा ऑर्डर रद्द कर दिया जाएगा। कई निवेश प्लेटफॉर्म तत्काल या ऑर्डर रद्द करने की सुविधा प्रदान करते हैं। आप इन आदेशों को मैन्युअल रूप से रख सकते हैं या स्वचालित ऑर्डर ट्रेडिंग सेट कर सकते हैं - जो भी आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

मूल रूप से, आईओसी दो सामान्य रूपों में खरीद के लिए उपलब्ध है। एक, आपको तत्काल "लिमिट" लगाने या ऑर्डर रद्द करने की सुविधा मिलती है, जिसमें बिक्री मूल्य तय होता है। एक और आईओसी हैमंडी आदेश जो निवेशकों को उनकी निवेश आवश्यकता के अनुरूप बोली लगाने की अनुमति देता है। सबसे अच्छी बोली लगाने वाले निवेशक को ऑर्डर बेचा जाएगा। IOC और FOK या AON ऑर्डर के बीच मुख्य अंतर यह है कि वे आंशिक और पूर्ण ऑर्डर पूर्ति दोनों पर काम करते हैं। अन्य प्रकार के आदेशों को पूरी तरह से पूरा करने की आवश्यकता है या वे तुरंत रद्द कर दिए जाते हैं।

स्वचालित आदेश रद्द करना

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ऑर्डर को तत्काल या रद्द करने की बात आने पर आपको आंशिक ऑर्डर खरीदने का अवसर मिलता है। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि IOC के आदेश अन्य प्रकार के आदेश पूर्ति विधियों से बेहतर हैं। यह उपयोगकर्ताओं को ऑर्डर निष्पादित करने के लिए पूर्ण लचीलापन देता है, हालांकि वे चाहते हैं और ऑर्डर को उनकी वांछित मात्रा में खरीदते हैं। यह ऑर्डर निष्पादन प्रक्रिया को गति देता है और जोखिम को कम करता है।

जब आपके पास बड़ा ऑर्डर देने के लिए हो, तो विशेषज्ञ तत्काल ऑर्डर रद्द करने या ऑर्डर रद्द करने की सलाह देते हैं। जिस आदेश को तुरंत पूरा नहीं किया जा सकता है, उसे मैन्युअल रद्द करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह स्वचालित रूप से रद्द हो जाता है। मान लें कि कोई निवेशक 10 के लिए ऑर्डर देता है,000 एक कंपनी के शेयर। जो शेयर तुरंत नहीं खरीदे जाते, वे अपने आप रद्द हो जाएंगे। यह रणनीति नियमित व्यापारियों के लिए चमत्कार करती है जो 24x7 शेयरों का व्यापार करते हैं।

IOC के शेयर बायबैक से क्या रिटेल निवेशकों को होगा फायदा?

इंडियन ऑयल के शेयर बायबैक ऑफर का फायदा छोटे शेयरधारक उठा सकते हैं. कंपनी अगले तीन महीनों में अपने शेयर निवेशकों से खरीदेगी.

इंडियन ऑयल

देश की सबसे बड़ी इस तेल वितरक कंपनी ने पिछले हफ्ते गुरुवार को अपने सबसे बड़े बायबैक ऑफर का ऐलान किया था.

कंपनी ने प्रति शेयर 6.75 रुपये के डिविडेंड का भी ऐलान किया है. इन दोनों के लिए रिकॉर्ड तिथि 25 दिसंबर तय है. इस खबर के आने के बाद शुक्रवार को कंपनी ने शेयर 2.8 फीसदी चढ़कर 141.30 रुपये तक पहुंच गए. सोमवार को इस शेयर ने आधा फीसदी तक की तेजी दिखाई.

इस बायबैक का 15 फीसदी हिस्सा या 4.46 करोड़ शेयर छोटे शेयरधारकों के लिए रिजर्व रखे गए हैं. छोटे शेयरधारकों का मतलब ऐसे शेयरधारकों से है, जिनके पास 25 दिसंबर तक 2 कंपनी के लाख रुपये से कम मूल्य के शेयर होंगे. साल 2018 की वार्षिक रिपोर्ट्स के अनुसार, छोटे निवेशकों के पास कंपनी के 8.32 करोड़ शेयर थे.

इन आंकड़ों के आधार पर यदि सभी छोटे शेयरधारक बायबैक में हिस्सा लेते हैं तो उनके शेयर स्वीकृत होने की करीब 53.6 फीसदी संभावना होगी. मगर आम तौर पर छोटे निवेशक बायबैक में हिस्सेदारी नहीं लेते हैं. इस वजह से विश्लेषकों का मानना है कि उनका स्वीकृति अनुपात काफी अधिक हो सकता है.

एमके ग्लोबल के विश्लेषक अभिषेक अरोड़ा का मानना है, "हमारे अनुसार, रिटेल निवेशकों का स्वीकृति अनुपात 87.7 फीसदी रह सकता है. इसके अलावा डिविडेंड भी काफी आकर्षक हो गया है. इस तरह रिटेल निवेशक तीन महीनों में 12 फीसदी तक का रिटर्न कमा सकते हैं."

ब्रोकरेज का अनुमान है कि गैर-प्रमोटर गैर-रिटेल श्रेणी में स्वीकृति अनुपात 2.8 फीसदी के करीब रहेगा. बेहतरीन डिविडेंड ने रिटेल निवेशकों के लिए इस डील के फायदे को दोगुना कर दिया है.

रिटेल शेयरघारकों द्वारा बायबैक के लिए पेश की गई हिस्सेदारीअनुमानिक स्वीकृति अनुपात₹155 के बायबैक के आधार पर रिटर्न ₹150 के बायबैक के आधार पर रिटर्न ₹140 के बायबैक के आधार पर रिटर्न
25627.295.943.25
35448.066.072.10
65248.916.210.82
100169.256.270.31

नार्नोलिया फाइनेंशियल एडवाइजर्स ने अपने नोट में कहा, "आकर्षक डिविडेंड ऑफर के चलते निवेशकों को इस बायबैक में हिस्सेदारी लेनी चाहिए. हमारा अनुमान है कि करीब 25 फीसदी रिटेल शेयरधारक अपने शेयर पेश करेंगे, जिसकी वजह से स्वीकृति अनुपात 62 फीसदी रह सकता है."

इंडिया ऑयल के शेयर वित्त वर्ष 20 की अनुमानित कमाई के आधार पर 9.2 गुना पर कारोबार कर रहे हैं. वित्त वर्ष 20 के प्राइस-टू-बुक वैल्यू के आधार पर यह शेयर 1.1 गुना पर कारोबार कर रहे हैं.

अक्टूबर के बाद तेल वितरक कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे थे. कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण सरकार ने इन कंपनियों से कुछ बोझ साझा करने के लिए कहा था. बीते तीन महीनों में इंडियन ऑयल के शेयरों ने 10 फीसदी का गोता लगाया था.शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है

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IOC के शेयर बायबैक से क्या रिटेल निवेशकों को होगा फायदा?

इंडियन ऑयल के शेयर बायबैक ऑफर का फायदा छोटे शेयरधारक उठा सकते हैं. कंपनी अगले तीन महीनों में अपने शेयर निवेशकों से खरीदेगी.

इंडियन ऑयल

देश की सबसे बड़ी इस तेल वितरक कंपनी ने पिछले हफ्ते गुरुवार को अपने सबसे बड़े बायबैक ऑफर का शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है ऐलान किया था.

कंपनी ने प्रति शेयर 6.75 रुपये के डिविडेंड का भी ऐलान किया है. इन दोनों के लिए रिकॉर्ड तिथि 25 दिसंबर तय है. इस खबर के आने के बाद शुक्रवार को कंपनी ने शेयर 2.8 फीसदी चढ़कर 141.30 रुपये तक पहुंच गए. सोमवार को इस शेयर ने आधा फीसदी तक की तेजी दिखाई.

इस बायबैक का 15 फीसदी हिस्सा या 4.46 करोड़ शेयर छोटे शेयरधारकों के लिए रिजर्व रखे गए हैं. छोटे शेयरधारकों का शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है मतलब ऐसे शेयरधारकों से है, जिनके पास 25 दिसंबर तक 2 कंपनी के लाख रुपये से कम मूल्य के शेयर होंगे. साल 2018 की वार्षिक रिपोर्ट्स के अनुसार, छोटे निवेशकों के पास कंपनी के 8.32 करोड़ शेयर थे.

इन आंकड़ों के आधार पर यदि सभी छोटे शेयरधारक बायबैक में हिस्सा लेते हैं तो उनके शेयर स्वीकृत होने की करीब 53.6 फीसदी संभावना होगी. मगर आम तौर पर छोटे निवेशक बायबैक में हिस्सेदारी नहीं लेते हैं. इस वजह से शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है विश्लेषकों का मानना है कि उनका स्वीकृति अनुपात काफी अधिक हो सकता है.

एमके ग्लोबल के विश्लेषक अभिषेक अरोड़ा का मानना है, "हमारे अनुसार, रिटेल निवेशकों का स्वीकृति अनुपात 87.7 फीसदी रह सकता है. इसके अलावा डिविडेंड भी काफी आकर्षक हो गया है. इस तरह रिटेल निवेशक तीन महीनों में 12 फीसदी तक का रिटर्न कमा सकते हैं."

ब्रोकरेज का अनुमान है कि गैर-प्रमोटर गैर-रिटेल श्रेणी में स्वीकृति अनुपात 2.8 फीसदी के करीब रहेगा. बेहतरीन डिविडेंड ने रिटेल निवेशकों के लिए इस डील के फायदे को दोगुना कर दिया है.

रिटेल शेयरघारकों द्वारा बायबैक के लिए पेश की गई हिस्सेदारीअनुमानिक स्वीकृति अनुपात₹155 के बायबैक के आधार पर रिटर्न ₹150 के बायबैक के आधार पर रिटर्न ₹140 के बायबैक के आधार पर रिटर्न
25627.295.943.25
35448.066.072.10
65248.916.210.82
100169.शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है 256.270.31

नार्नोलिया फाइनेंशियल एडवाइजर्स ने अपने नोट में कहा, "आकर्षक डिविडेंड ऑफर के चलते निवेशकों को इस बायबैक में हिस्सेदारी लेनी चाहिए. हमारा अनुमान है कि करीब 25 फीसदी रिटेल शेयरधारक अपने शेयर पेश करेंगे, जिसकी वजह से स्वीकृति अनुपात 62 फीसदी रह सकता है."

इंडिया ऑयल के शेयर वित्त वर्ष 20 की अनुमानित कमाई के आधार पर 9.2 गुना पर कारोबार कर रहे हैं. वित्त वर्ष 20 के प्राइस-टू-बुक वैल्यू के आधार पर यह शेयर 1.1 गुना पर कारोबार कर रहे हैं.

अक्टूबर के बाद तेल वितरक कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे थे. कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण सरकार शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है ने इन कंपनियों से कुछ बोझ साझा करने के लिए कहा था. बीते तीन महीनों में इंडियन ऑयल के शेयरों ने 10 फीसदी का गोता लगाया था.शेयर मार्केट में IOC का क्या अर्थ है

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