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शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

स्‍टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्‍सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्‍यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्‍यू, मार्केट कैप और स्टॉक मार्केट क्या होता है अन्‍य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।

लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।

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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्‍सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के सा‍थ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्‍टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्‍यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।

कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्‍लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्‍टर में स्थि‍ति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।

वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्‍वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्‍यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्‍यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्‍यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।

तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्‍टॉक खरीदा और अगर वह स्‍टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा है। इसके अलावा, अगर वह ज्‍यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी है। ताकि आपको ऐसे स्‍टॉक के गिरने से ज्‍यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।

Stock Market vs Stock Exchange: स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? समझिए

Stock Market vs Stock Exchange: स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? समझिए

Stock Market vs Stock Exchange: एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)

Stock Market vs Stock Exchange: आम तौर पर, लोग कुछ अधिक आय का आनंद लेने के लिए फाइनेंसियल मार्केट में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार, उन्हें करेंसी मार्केट की शर्तों का ज्ञान नहीं है। एक नौसिखिया के लिए 'शेयर', 'स्टॉक' और 'इक्विटी' जैसे शब्दों को समझना मुश्किल है। लेकिन स्पष्ट समझ नहीं होने से समस्या हो सकती है।

एक निवेशक को निवेश शुरू करने से पहले इन शर्तों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए। उनके अर्थों से अवगत होने से आपको समझदारी से निवेश करने में मदद मिलती है। इस लेख में, हम स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज (Stock Market vs Stock Exchange) के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि उनके अंतर क्या हैं। एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)

स्टॉक मार्केट क्या है? | What is Stock Market in Hindi

शेयर मार्केट खरीदारों और विक्रेताओं के एकत्रीकरण को संदर्भित करता है जो स्टॉक में व्यापार करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज बुनियादी ढांचे को संदर्भित करता है जो शेयरों की ऐसी खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। स्टॉक एक्सचेंज एक फॉर्मल आर्गेनाइजेशन है जो कंपनियों को अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने और उन्हें जनता को बिक्री के लिए पेश करने में सक्षम बनाता है।

शेयर मार्केट एक व्यापक शब्द है जो उन सभी कंपनियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक निवेशकों को खरीदने के लिए अपने शेयर सूचीबद्ध करती हैं। इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजार शामिल हैं और यह ओटीसी (काउंटर पर) ट्रेडिंग, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और स्टॉक एक्सचेंजों का एक कॉम्बिनेशन है। यह वह मंच है जहां व्यापार होता है, कंपनियों को अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण स्टॉक मार्केट क्या होता है के लिए जनता से पूंजी जुटाने में सक्षम बनाता है।

निवेशकों की भावना के आधार पर शेयर मार्केट को तेजी या मंदी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। एक बाजार जहां निवेशक भविष्य के मुनाफे की प्रत्याशा में शेयर खरीदना चाहते हैं, एक बुल मार्केट है। एक बियर बाजार एक ऐसे बाजार को संदर्भित करता है जहां निवेशक बाजार में गिरावट की प्रत्याशा में अपनी होल्डिंग का निपटान करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्टॉक एक्सचेंज क्या है? | What is Stock Exchange in Hindi

स्टॉक एक्सचेंज वे संस्थाएं हैं जो लिस्टिंग के लिए शर्तों को निर्धारित करके, व्यक्तियों, व्यापारियों और दलालों को सेवाएं प्रदान करके और कीमतों में उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर नज़र रखकर शेयरों में व्यापार की सुविधा प्रदान करती हैं। इस प्रकार, स्टॉक एक्सचेंज खरीदारों और विक्रेताओं को एक आम बैठक बिंदु पर एक साथ लाते हैं, जो फिजिकल या वर्चुअल हो सकता है।

भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) हैं। देश में ज्यादातर शेयर ट्रेडिंग इन्हीं दो एक्सचेंजों के जरिए होती है। BSE एशिया में स्थापित होने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था और यह दुनिया के सबसे तेज एक्सचेंजों में से एक है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी और यह देश में पहला डिम्युचुअलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज होने का दावा करता है।

Stock Market vs Stock Exchange

स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक मार्केट के बीच अंतर इस प्रकार हैं-

स्टॉक मार्केट सभी प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग के लिए एक सामान्य शब्द है, जबकि स्टॉक एक्सचेंज वह इकाई है जो इस तरह के व्यापार की सुविधा प्रदान करती है।

शेयर मार्केट में OTC, इलेक्ट्रॉनिक और स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग शामिल हैं। यह शेयर मार्केट का एक अभिन्न अंग है।

स्टॉक मार्केट स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक मिलन स्थल है जबकि स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी इकाई है जो लाभ के उद्देश्य से काम करती है।

शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज दोनों ही अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तरलता पैदा करके, वे आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं।

स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के दिन 14% उछला कंपनी के शेयर का भाव; निवेशक गदगद

आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज ने स्टॉक मार्केट में शानदार डेब्यू किया है। सोमवार सुबह आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज के आईपीओ (IPO) की लिस्टिंग 10.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 449 रुपये पर हुई है।

स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के दिन 14% उछला कंपनी के शेयर का भाव; निवेशक गदगद

आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज (Archean Chemical IPO) के आईपीओ पर दांव लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। कंपनी ने स्टॉक मार्केट में शानदार डेब्यू किया है। सोमवार सुबह आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज के आईपीओ की लिस्टिंग 10.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 449 रुपये पर हुई है। यानी जिस किसी निवेशक को कंपनी के शेयर अलॉट हुए होंगे, उसे लिस्टिंग के वक्त ही 42 रुपये प्रति शेयर फायदा हुआ होगा। सुबह 10.14 मिनट पर आर्चियन केमिकल के शेयर 13.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ 463.15 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे।

क्या था प्री-ओपनिंग में हाल?

प्री -ओपनिंग सेशन में कंपनी ने खराब शुरुआत की थी। लेकिन बाद में कंपनी के शेयरों में तेजी देखने को मिली। लिस्टिंग से पहले प्री-ओपनिंग सेशन में कंपनी के शेयर प्रीमियम पर ट्रेड करने लगे थे।

आज हो रहा इस कंपनी के शेयरों का अलॉटमेंट, चेक करें GMP

Archean Chemical Industries के आईपीओ का प्राइस बैंड 386 रुपये से 407 रुपये था। यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 9 नवंबर 2022 से 11 नवंबर 2022 तक खुला था। इस पब्लिक इश्यू को 32.23 गुना सब्सक्राइब किया गया था। वहीं, रिटेल सेक्शन में 9.96 गुना सब्सक्राइबर मिले थे।

इस साल के शुरुआत में जहां चुनिंदा कंपनियों के आईपीओ आए थे। तो वहीं, साल के आखिरी महीनों में एक के बाद एक कई कंपनियों के आईपीओ आ रहे हैं। निवेशकों की तरफ से इन आईपीओ को शानदार रिस्पॉस मिल रहा है। रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से इस साल प्राइमरी मार्केट में पिछले साल की तुलना में गिरावट है।

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

स्टॉक मार्केट क्या होता है

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भारतीय शेयर बाजार का समय – Stock Market Timings in India

  • Post last modified: September 22, 2020
  • Post author: Yogesh Singh
  • Post category: Share Market
  • Post comments: 3 Comments

हेलो दोस्तों आज हम Detail में जानेगे की भारत में शेयर बाजार कब खुलता है और कब बंद होता है (Stock Market Timings in India) अगर आपने हमारे शेयर मार्किट क्या होता है पोस्ट नहीं देखी तो आप देख सकते है |
अक्सर भारत में लोग शेयर बाजार के समय के बारे में काफी भ्रमित रहते हैं तो आज हम आपको विस्तार में शेयर बाजार के खुलने और बंद होने के समय बारे में बतायेंगे |

भारत में शेयर बाजार का समय – Stock market timings in India

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है –National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) हैं। हालांकि, NSE और BSE दोनों exchanges का एक ही समय है।

भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के अंत में, यानी शनिवार और रविवार को बंद रहते है और इसके अलावा, यह राष्ट्रीय और स्टॉक एक्सचेंज की छुट्टियों पर भी बंद रहते है | स्टॉक एक्सचैंजेस की छुटियाँ आप यहाँ देख सकते है |

भारत में शेयर बाजार के समय को तीन सत्रों में विभाजित किया जाता स्टॉक मार्केट क्या होता है है

  1. Pre-open Session (प्री-ओपन सत्र)
  2. Normal Session (सामान्य सत्र)
  3. Post-closing Session (समापन के बाद का सत्र)

Note : बाजार में भारी अस्थिरता से बचने के लिए Pre-open Session यानि पूर्व-खुला सत्र रखा जाता है और यह एक संतुलन मूल्य बनाने के लिए ताकि बाजार को अपनी शुरुआती कीमत मिल सके, आप यहां पा सकते हैं कि एनएसई कैसे अपने शुरुआती मूल्य की गणना करता है।

Pre-open Session को आगे तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है –

  1. सुबह 9:00 से 9:08 बजे (Order Entry Session -आदेश प्रवेश सत्र):
  • इस समय में, कोई भी शेयर खरीद और बेच सकता है।
  • आप Orders में परिवर्तन या उसको रद्द भी कर सकते हैं।

Note: आप अपने ऑर्डर को सुबह 9:07 बजे से पहले रखने का प्रयास करें क्योंकि आपको नहीं पता है कि शेयर मार्किट का algorithm कब और कैसे काम करता है और वक़्त पे न होने पर आपका ऑर्डर रद्द भी किया जा सकता है।

2. सुबह 9:08 से 9:12 बजे (मैचिंग ऑर्डर सत्र- Order Matching Session):

  • इस समय में, आप अपने Orders में परिवर्तन , खरीद व बेच या रद्द नहीं कर सकते।
  • इस सत्र का उपयोग Orders का मिलान करके बाजार के लिए शुरुआती मूल्य निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

नोट: यदि आपने स्टॉक मार्केट क्या होता है पहले अपने ऑर्डर में कोई लिमिट लगाई है तो उस लिमिट को बाजार की तय कीमतों से मेल किया जाता है, और अगर यह लिमिट बाजार की तय हुई कीमत के नीचे आता है तो आपका Order Execute हो जाता है, अन्यथा, यह Execute नहीं होता ।

3. सुबह 9:12 से 9:15 बजे (बफर सत्र-Buffer Session ):

  • इस सत्र का उपयोग बफ़र सत्र के रूप में किया जाता है, यदि प्रारंभिक दो चरणों में कोई भी असामान्यताएं पायी जाती है तो इस सत्र में उसकी जाँच की जाती स्टॉक मार्केट क्या होता है है।
  • इस सत्र को अगली प्रक्रिया को Smooth करने के लिए भी उपयोग किया जाता है, ताकि दिन का कारोबार सामान्य रूप से चल सके ।

Note: Pre Opening Session में आप केवल निफ़्टी 50 कंपनियों के ही शेयर्स ले व बेच सकते है |

यह भी पढ़े

Normal Session-सामान्य सत्र

  • इस सत्र की अवधि सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक की है।
  • इस सत्र में, अधिकांश ट्रेड होते हैं।
  • आप इस सत्र में स्टॉक खरीद व बेच सकते हैं।

शाम 3:30 से 3:40 बजे के समय में शेयर्स का closing price को calculate किया जाता है और इसमें स्टॉक मार्किट इंडेक्स जैसे की Sensex और Nifty अपनी इंडेक्स मूल्य की गणना करते है जोकि 3.00 बजे से 3.30 बजे के बीच आखरी के 30 minutes में ट्रेड किये शेयर्स के भाव से प्राप्त किये जाते है ।

POST-CLOSING SESSION – समापन के बाद का सत्र:

  • यह सत्र दोपहर 3:40 से 4:00 बजे के बीच में होता है |
  • आप इस सत्र में शेयर्स खरीद व बेच सकते है जिसे (AMO) After Market Orders भी कहते है | इसमें बाजार बंद होने के बावजूद आप अपने ऑर्डर को खरीद या बेच सकते हैं । लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने का भाव मार्किट के closing 3:30 बजे वाले भाव पर होता है |
  • अगर आपने पहले गलती से कोई ट्रेड ले लिया था जैसा की आपने कोई शेयर 1000 की बजाए 10000 शेयर्स ले लिए और आपके पास डिलीवरी के पैसे नहीं है तो आप इस सत्र उन शेयर्स को बेच सकते है शेयर्स बेचने का भाव मार्किट क्लोजिंग वाला ही रहता है |

Note: Pre-opening session और Post-closing session केवल कैश मार्केट के लिए ही उपयोग में लाए जाते है इनको Futures और options में उपयोग नहीं किया जाता ।

Special Trading Day

हालांकि, राष्ट्रीय छुट्टियों पर शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन यह दिवाली त्योहार के दौरान कुछ घंटों के लिए खुला रहता है, जिसे ‘Mahurat Trading‘ के रूप में जाना जाता है। इस विशेष दिन के लिए ट्रेडिंग घंटे का समय दिवाली से कुछ दिन पहले ही तय किया जाता हैं।

Conclusion

दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में सीखा की भारतीय शेयर का समय क्या है (Stock market timings in India) आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |

प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर है? कैसे होता है इसमें निवेश

प्राइमरी मार्केट में नए शेयर और बांड जारी किए जाते हैं, जबकि सेकेंडरी मार्केट में पहले से जारी शेयरों और बांडों की बिक्री और खरीद होती है.

प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर है? कैसे होता है इसमें निवेश

यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पहले प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बीच के अंतर स्टॉक मार्केट क्या होता है को समझना होगा . शेयर मार्केट के एक्सपर्ट आमतौर पर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं . आपने भी प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बारे में अक्सर सुना होगा . क्या आप जानते हैं इनका क्या मतलब होता है और इनमें क्या अंतर है ? दरअसल शेयर मार्केट दो तरह के होते हैं – प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट . क्या आपको पता है कि दोनों मार्केट एक दूसरे से कैसे अलग हैं ?

प्राइमरी मार्केट

नई सिक्योरिटीज जैसे नए शेयर और बांड प्राइमरी मार्केट में जारी किए जाते हैं . प्राइमरी मार्केट में कंपनियां निवेशकों को शेयर बेचती हैं और पैसा जुटाती हैं . प्राइमरी मार्केट में सीधे कंपनी और निवेशकों के बीच लेनदेन होता है . ऐसे कई अलग – अलग तरीके हैं जिनके माध्यम से एक कंपनी प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटा सकती है . इनमें पब्लिक इश्यू (IPO), प्राइवेट प्लेसमेंट और राइट्स इश्यू शामिल हैं .

जब कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर पहली बार निवेशकों से पैसा जुटाती है तो उसे ऐसा करने के लिए एक IPO लॉन्च करना पड़ता है . प्राइमरी मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए जिसे ब्रोकरेज हाउस या बैंकों के साथ खोला जा सकता है . ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म है 5 पैसा ( https://www.5paisa.स्टॉक मार्केट क्या होता है com/open-demat-account ) जहां आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है . कंपनी का प्राइमरी मार्केट में प्रवेश ( एंटर ) करने का मुख्य मकसद पैसा जुटाना होता है . प्राइमरी मार्केट में निवेशक केवल शेयर खरीद सकते हैं बेच नहीं सकते . खरीदे गए शेयरों को बेचने के लिए उन्हें सेकेंडरी मार्केट में जाना पड़ता स्टॉक मार्केट क्या होता है है .

सेकेंडरी मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे स्टॉक एक्सचेंज सेकेंडरी मार्केट हैं , जहां आप IPO के दौरान खरीदे गए शेयरों को बेच सकते हैं . इस मार्केट में किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं . जब हम स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदते और बेचते हैं तब हम सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं . सेकेंडरी मार्केट में निवेशकों ( खरीदारों और विक्रेताओं ) के बीच पैसे और शेयरों का आदान – प्रदान ( एक्सचेंज ) किया जाता है . कंपनी सेकेंडरी मार्केट में होने वाले स्टॉक मार्केट क्या होता है स्टॉक मार्केट क्या होता है लेनदेन ( ट्रांजेक्शन ) में शामिल नहीं है . सेकेंडरी मार्केट को “ आफ्टर मार्केट ” भी कहा जाता है क्योंकि जो शेयर पहले ही जारी किए जा चुके हैं , उनका कारोबार यहां होता है .

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